शामली में रामलीला मंच पर दशरथ मरण लीला का शानदार मंचन
-कलाकारों के शानदार अभिनय पर श्रद्धालुओं ने जमकर बजाई तालियां
सत्यभाष संवाददाता, शामली
श्री मंदिर हनुमान टीला के रामलीला मंच पर सुमंत वापसी दशरथ मरण लीला का शानदार मंचन किया गया। इस दौरान कलाकारों के शानदार अभिनय से प्रसन्न होकर शहर तथा आसपास क्षेत्रों से आए श्रद्धालुओं ने जमकर तालियां बजाई।
गत बुधवार देर शाम शहर के श्री मंदिर हनुमान धाम के रामलीला महोत्सव में दशरथ मरण लीला का शानदार मंचन किया गया। जिसमें सर्वप्रथम भगवान राम लक्ष्मण सीता गंगा के तट पर आते हैं और वहां पर उनकी मुलाकात भीलो के राजा निषादराज से होती हैं। राम जी उनको अपना सारा वृतांत सुनाते हैं। इस प्रकार राम जी गंगा पार करने को कहते हैं और वह केवट को बुलाते हैं। केवट एक भगवान का परम भक्त हैं। वह भगवान के चरण स्पर्श करता है और कह रहा है हे भगवान मैं आपको अपनी नाव में गंगा पार नहीं करा सकता।श्रीराम जी कारण पूछते हैं वह कहता है हे भगवान एक पत्थर की शिला को आपके चरणों द्वारा स्त्री बन जाती हैं। तो मेरी नाव भी स्त्री बन जाएगी। वह उपाय बताते हैं हे भगवान मैं आपके चरणों को धोकर ही नाव में बैठा सकता हूं। इस प्रकार बड़ी चतुराई से केवट भगवान के चरण को धो रहा है और उनको गंगा पार कराता है। भजन गुनगुनाता है की मेरी नैया में लक्ष्मण राम सीता गंगा मैया धीरे बहो और जाना जाना था गंगा पार प्रभु केवट की नाव चले और गंगा पार उतरने के बाद केवट को उतराई देते हैं। वह मना करता है। कहते हैं नाई नाई से ना ले। इस प्रकार हे भगवान जैसे मैं गंगा का केवट हूं मैंने आपको पार किया है। भवसागर में वैसे ही हे भगवान जब मैं आऊं और मेरा परिवार आए उसको भवसागर पार लगा देना। भगवान राम लक्ष्मण सीता चित्रकूट की ओर चल पड़ते हैं। इधर सुमंत की वापसी होती है और वह दशरथ को सारा वृत्तांत सुनाते है। दशरथ बेसुध होकर गिर पड़ते हैं और जान दे देते हैं। इस प्रकार भरत जी ननिहाल में सपना देख रहे हैं और राम लक्ष्मण सीता को वन जाते देखते हैं। अयोध्या में वापस आते हैं। शानदार अभिनय में राम रवि पाठक, लक्ष्मण आशुतोष पाठक, सीता आंसू निर्वाल, केवट निशांत पाठक, भरत उज्जवल नामदेव, शत्रुघ्न ध्रुव पाठक, दशरथ यशपाल चैधरी, सुमंत प्रदीप सैनी ने किया।
शामली में रामलीला मंच पर दशरथ मरण लीला का शानदार मंचन