शामली में बच्चों की यूनिफार्म खरीद में 1.95 करोड के घोटाले की बू
-शासन ने प्रदेशभर के सभी जिलों के डीएम को टाॅस्क फोर्स का गठन कर जांच के दिए आदेश
-निष्पक्ष जांच हुई तो नपेंगे हैडमास्टर व विभागीय अधिकारी व कर्मचारी
-जांच में घोटाला मिलने पर आरोपियों पर होगी कठोर कार्यवाही
-जनपद में लगभग 75 हजार बच्चों को हुई यूनिफार्म का वितरण
प्रवीण वशिष्ठ, शामली
बेसिक शिक्षा विभाग के परिषदीय विद्यालयों में बच्चों को शासन की ओर से वितरित की गई यूनिफार्म की गुणवत्ता की जांच होगी।बच्चों को वितरित की गई यूनिफार्म में घोटाले की शिकायत शासन को प्राप्त हुई हैं।जिसके चलते शासन ने प्रदेशभर के जिलाधिकारियों को टाॅस्क फोर्स का गठन कर हर जनपद में यूनिफार्म की गुणवत्ता व उसके वितरण की जांच कराने के आदेश दिए हैं।जिसके जिलाधिकारी अध्यक्ष होगें।माना जा रहा हैं कि अगर निष्पक्ष जांच हुई तो हैडमास्टर, बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों पर गाज गिरना संभव हैं।वहीं दूसरी ओर यूनिफार्म वितरण में घोटाले की संभावना के चलते शासन द्वारा जांच के दिए गए आदेश की सूचना मिलने पर बेसिक शिक्षा विभाग में हडकंप मचा हुआ हैं।जनपद में लगभग 75 हजार बच्चे बेसिक स्कूलों में पंजीकृत हैं।जिनकों दो-दो यूनिफार्म वितरित की गई हैं।शासन के द्वारा प्रति बच्चे को 600 रूपये यूनिफार्म के भेजे गए हैं।
उत्तर प्रदेश शासन के द्वारा बेसिक शिक्षा विभाग के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में हर वर्ष निःशुल्क यूनिफार्म वितरित की जाती हैं। वित्तीय वर्ष 2019-2020 में भी बच्चों को दो-दो यूनिफार्म वितरित की गई हैं।यूनिफार्म के लिए शासन ने करोडों रूपये का बजट जारी किया गया था।जिसमें एक बच्चे को दो यूनिफार्म के लिए 600 रूपये विद्यालय को भेजे गए थे।जिसमें खंड शिक्षा अधिकारी और स्कूल मैनेजमेंट कमेटी ने संयुक्त रूप से यूनिफार्म की खरीदारी कर वितरित की।जिसके चलते शासन को हर जनपद से बच्चों की यूनिफार्म की गुणवत्ता में घटिया होने तथा यूनिफार्म की खरीदारी में घोटाले की शासन तक शिकायत पहुंची।जिसमें शामली जनपद भी शामिल हैं।जिसके बाद शासन ने बेसिक शिक्षा विभाग के विद्यालयों में यूनिफार्म वितरण की जांच के लिए प्रदेशभर के सभी जिलाधिकारियों को टाॅस्क फोर्स का गठन कर जांच कराने के आदेश दिए हैं।जिसमें टाॅस्क फोर्स कमेटी के जिलाधिकारी अध्यक्ष रहेंगे।
ज्ञात हो, कि जनपद शामली में बेसिक शिक्षा विभाग के प्राथमिक विद्यालय 537 व जूनियर हाईस्कूल 214 तथा 4 कस्तूरबा गांधी विद्यालय हैं।जिनमें लगभग 75 हजार बच्चों का पंजीकरण हैं।शासन ने एक बच्चे को यूनिफार्म के खर्च के लिए विभाग को 600 रूपये भेजे हैं।जबकि सूत्रों की माने तो विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों ने स्कूल मैनेजमेंट कमेटी से मिलीभगत कर केवल 170 रूपये प्रति यूनिफार्म के हिसाब से खरीदा तथा 130 रूपये के हिसाब से यूनिफार्म के पैसे को डकार गए।इस हिसाब से प्रति बच्चे की यूनिफार्म में 260 रूपये का घोटाला किए जाने की संभावना प्रबल हैं।वहीं दूसरी ओर सूत्रों के अनुसार बताया जाता हैं कि 260 रूपये की बंदरबांट स्कूल मैनेजमेट कमेटी से लेकर उच्च अधिकारियों हुई हैं।बच्चों के पैसे को डकारने में अगर सही से जांच हो जाती हैं तो शामली जनपद का ही लगभग 1.95 करोड रूपये का घोटाला होने का जिन्न बाहर निकल सकता हैं।लेकिन जांच अगर गोलमोल हुई तो फिर कुछ नहीं हो सकता हैं।बताया जाता हैं कि टाॅस्क फोर्स में शामिल अफसर यूनिफार्म के कपडे की गुणवत्ता, यूनिफार्म की खरीदारी का बजट,यूनिफार्म के बिल, किस दुकान से यूनिफार्म खरीदी गई आदि की जानकारी जुटा कर घोटाले का खुलासा करेंगे।माना जा रहा हैं कि अगर घोटाले की टाॅस्क फोर्स ने निष्पक्षता से जांच की तो हैडमास्टर, विभागीय अधिकारी व कर्मचारी बेनकाब होंगे।